Saturday, April 7, 2012

रात दिन

रात दिन जल्दी होने लगे आज कल,
दिन के भी मक़सद होने लगे शायद आज कल,
लोगो का नजरियां भी सोचने लगे है आज कल,
इसे पागलों की आदत कहा करते थे कल तक।  

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